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وَمَآ اَرْسَلْنَا فِيْ قَرْيَةٍ مِّنْ نَّذِيْرٍ ِالَّا قَالَ مُتْرَفُوْهَآ ۙاِنَّا بِمَآ اُرْسِلْتُمْ بِهٖ كٰفِرُوْنَ   ( سبإ: ٣٤ )

And not
وَمَآ
और नहीं
We sent
أَرْسَلْنَا
भेजा हमने
to
فِى
किसी बस्ती में
a town
قَرْيَةٍ
किसी बस्ती में
any
مِّن
कोई डराने वाला
warner
نَّذِيرٍ
कोई डराने वाला
but
إِلَّا
मगर
said
قَالَ
कहा
its wealthy ones
مُتْرَفُوهَآ
उसके ख़ुशहाल लोगों ने
"Indeed we
إِنَّا
बेशक हम
in what
بِمَآ
उसका जो
you have been sent
أُرْسِلْتُم
भेजे गए तुम
with
بِهِۦ
साथ उसके
(are) disbelievers"
كَٰفِرُونَ
इन्कार करने वाले हैं

Wama arsalna fee qaryatin min natheerin illa qala mutrafooha inna bima orsiltum bihi kafiroona (Sabaʾ 34:34)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हमने जिस बस्ती में भी कोई सचेतकर्ता भेजा तो वहाँ के सम्पन्न लोगों ने यही कहा कि 'जो कुछ देकर तुम्हें भेजा गया है, हम तो उसको नहीं मानते।'

English Sahih:

And We did not send into a city any warner except that its affluent said, "Indeed we, in that with which you were sent, are disbelievers." ([34] Saba : 34)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने किसी बस्ती में कोई डराने वाला पैग़म्बर नहीं भेजा मगर वहाँ के लोग ये ज़रूर बोल उठेंगे कि जो एहकाम देकर तुम भेजे गए हो हम उनको नहीं मानते