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وَمَا تَأْتِيْهِمْ مِّنْ اٰيَةٍ مِّنْ اٰيٰتِ رَبِّهِمْ اِلَّا كَانُوْا عَنْهَا مُعْرِضِيْنَ   ( يس: ٤٦ )

And not
وَمَا
और नहीं
comes to them
تَأْتِيهِم
आती उनके पास
of
مِّنْ
कोई निशानी
a Sign
ءَايَةٍ
कोई निशानी
from
مِّنْ
निशानियों में से
(the) Signs
ءَايَٰتِ
निशानियों में से
(of) their Lord
رَبِّهِمْ
उनके रब की
but
إِلَّا
मगर
they
كَانُوا۟
होते हैं वो
from it
عَنْهَا
उससे
turn away
مُعْرِضِينَ
ऐराज़ करने वाले

Wama tateehim min ayatin min ayati rabbihim illa kanoo 'anha mu'rideena (Yāʾ Sīn 36:46)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके पास उनके रब की आयतों में से जो आयत भी आती है, वे उससे कतराते ही है

English Sahih:

And no sign comes to them from the signs of their Lord except that they are from it turning away. ([36] Ya-Sin : 46)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(तो परवाह नहीं करते) और उनकी हालत ये है कि जब उनके परवरदिगार की निशानियों में से कोई निशानी उनके पास आयी तो ये लोग मुँह मोड़े बग़ैर कभी नहीं रहे