لَهُمْ فِيْهَا فَاكِهَةٌ وَّلَهُمْ مَّا يَدَّعُوْنَ ۚ ( يس: ٥٧ )
For them
لَهُمْ
उनके लिए
therein
فِيهَا
उसमें
(are) fruits
فَٰكِهَةٌ
फल होंगे
and for them
وَلَهُم
और उनके लिए होगा
(is) whatever
مَّا
जो
they call for
يَدَّعُونَ
वो तलब करेंगे
Lahum feeha fakihatun walahum ma yadda'oona (Yāʾ Sīn 36:57)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उनके लिए वहाँ मेवे है। औऱ उनके लिए वह सब कुछ मौजूद है, जिसकी वे माँग करें
English Sahih:
For them therein is fruit, and for them is whatever they request [or wish] ([36] Ya-Sin : 57)