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وَمَا يَنْظُرُ هٰٓؤُلَاۤءِ اِلَّا صَيْحَةً وَّاحِدَةً مَّا لَهَا مِنْ فَوَاقٍ  ( ص: ١٥ )

And not
وَمَا
और नहीं
await
يَنظُرُ
इन्तिज़ार करते
these
هَٰٓؤُلَآءِ
ये लोग
but
إِلَّا
मगर
a shout
صَيْحَةً
चिंघाड़ का
one;
وَٰحِدَةً
एक ही
not
مَّا
नहीं (होगा)
for it
لَهَا
जिसके लिए
any
مِن
कोई वक़्फ़ा
delay
فَوَاقٍ
कोई वक़्फ़ा

Wama yanthuru haolai illa sayhatan wahidatan ma laha min fawaqin (Ṣād 38:15)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

इन्हें बस एक चीख की प्रतीक्षा है जिसमें तनिक भी अवकाश न होगा

English Sahih:

And these [disbelievers] await not but one blast [of the Horn]; for it there will be no delay. ([38] Sad : 15)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ये (काफिर) लोग बस एक चिंघाड़ (सूर के मुन्तज़िर हैं जो फिर उन्हें) चश्में ज़दन की मोहलत न देगी