اِذْ دَخَلُوْا عَلٰى دَاوٗدَ فَفَزِعَ مِنْهُمْ قَالُوْا لَا تَخَفْۚ خَصْمٰنِ بَغٰى بَعْضُنَا عَلٰى بَعْضٍ فَاحْكُمْ بَيْنَنَا بِالْحَقِّ وَلَا تُشْطِطْ وَاهْدِنَآ اِلٰى سَوَاۤءِ الصِّرَاطِ ( ص: ٢٢ )
Ith dakhaloo 'ala dawooda fafazi'a minhum qaloo la takhaf khasmani bagha ba'duna 'ala ba'din faohkum baynana bialhaqqi wala tushtit waihdina ila sawai alssirati (Ṣād 38:22)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जब वे दाऊद के पास पहुँचे तो वह उनसे सहम गया। वे बोले, 'डरिए नहीं, हम दो विवादी हैं। हममें से एक ने दूसरे पर ज़्यादती की है; तो आप हमारे बीच ठीक-ठीक फ़ैसला कर दीजिए। और बात को दूर न डालिए और हमें ठीक मार्ग बता दीजिए
English Sahih:
When they entered upon David and he was alarmed by them? They said, "Fear not. [We are] two adversaries, one of whom has wronged the other, so judge between us with truth and do not exceed [it] and guide us to the sound path. ([38] Sad : 22)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(और) जब दाऊद के पास आ खड़े हुए तो वह उनसे डर गए उन लोगों ने कहा कि आप डरें नहीं (हम दोनों) एक मुक़द्दमें के फ़रीकैन हैं कि हम में से एक ने दूसरे पर ज्यादती की है तो आप हमारे दरमियान ठीक-ठीक फैसला कर दीजिए और इन्साफ से ने गुज़रिये और हमें सीधी राह दिखा दीजिए