قَالَ رَبِّ اغْفِرْ لِيْ وَهَبْ لِيْ مُلْكًا لَّا يَنْۢبَغِيْ لِاَحَدٍ مِّنْۢ بَعْدِيْۚ اِنَّكَ اَنْتَ الْوَهَّابُ ( ص: ٣٥ )
He said
قَالَ
उसने कहा
"O my Lord!
رَبِّ
ऐ मेरे रब
Forgive
ٱغْفِرْ
बख़्श दे
me
لِى
मुझे
and grant
وَهَبْ
और अता कर
me
لِى
मुझे
a kingdom
مُلْكًا
ऐसी बादशाहत
not
لَّا
ना हासिल हो
(will) belong
يَنۢبَغِى
ना हासिल हो
to anyone
لِأَحَدٍ
किसी एक को
after me
مِّنۢ
मेरे बाद
after me
بَعْدِىٓۖ
मेरे बाद
Indeed, You
إِنَّكَ
बेशक
[You]
أَنتَ
तू ही है
(are) the Bestower"
ٱلْوَهَّابُ
बहुत अता करने वाला
Qala rabbi ighfir lee wahab lee mulkan la yanbaghee liahadin min ba'dee innaka anta alwahhabu (Ṣād 38:35)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'ऐ मेरे रब! मुझे क्षमा कर दे और मुझे वह राज्य प्रदान कर, जो मेरे पश्चात किसी के लिए शोभनीय न हो। निश्चय ही तू बड़ा दाता है।'
English Sahih:
He said, "My Lord, forgive me and grant me a kingdom such as will not belong to anyone after me. Indeed, You are the Bestower." ([38] Sad : 35)