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فَاَذَاقَهُمُ اللّٰهُ الْخِزْيَ فِى الْحَيٰوةِ الدُّنْيَا ۚوَلَعَذَابُ الْاٰخِرَةِ اَكْبَرُ ۘ لَوْ كَانُوْا يَعْلَمُوْنَ  ( الزمر: ٢٦ )

So Allah made them taste
فَأَذَاقَهُمُ
तो चखाई उन्हें
So Allah made them taste
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
the disgrace
ٱلْخِزْىَ
रुस्वाई
in
فِى
ज़िन्दगी में
the life
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी में
(of) the world
ٱلدُّنْيَاۖ
दुनिया की
and certainly (the) punishment
وَلَعَذَابُ
और अलबत्ता अज़ाब
(of) the Hereafter
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत का
(is) greater
أَكْبَرُۚ
ज़्यादा बड़ा है
if
لَوْ
काश
they
كَانُوا۟
होते वो
knew
يَعْلَمُونَ
वो जानते

Faathaqahumu Allahu alkhizya fee alhayati alddunya wala'athabu alakhirati akbaru law kanoo ya'lamoona (az-Zumar 39:26)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर अल्लाह ने उन्हें सांसारिक जीवन में भी रुसवाई का मज़ा चखाया और आख़िरत की यातना तो इससे भी बड़ी है। काश! वे जानते

English Sahih:

So Allah made them taste disgrace in worldly life. But the punishment of the Hereafter is greater, if they only knew. ([39] Az-Zumar : 26)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो खुदा ने उन्हें (इसी) दुनिया की ज़िन्दगी में रूसवाई की लज्ज़त चखा दी और आख़ेरत का अज़ाब तो यक़ीनी उससे कहीं बढ़कर है काश ये लोग ये बात जानते