۞ فَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنْ كَذَبَ عَلَى اللّٰهِ وَكَذَّبَ بِالصِّدْقِ اِذْ جَاۤءَهٗۗ اَلَيْسَ فِيْ جَهَنَّمَ مَثْوًى لِّلْكٰفِرِيْنَ ( الزمر: ٣٢ )
Then who
فَمَنْ
फिर कौन
(is) more unjust
أَظْلَمُ
बड़ा ज़ालिम है
than (one) who
مِمَّن
उससे जो
lies
كَذَبَ
झूठ बोले
against
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
and denies
وَكَذَّبَ
और वो झुठलाए
the truth
بِٱلصِّدْقِ
सच्चाई को
when
إِذْ
जब
it comes to him?
جَآءَهُۥٓۚ
वो आ जाए उसके पास
Is (there) not
أَلَيْسَ
क्या नहीं है
in
فِى
जहन्नम में
Hell
جَهَنَّمَ
जहन्नम में
an abode
مَثْوًى
ठिकाना
for the disbelievers?
لِّلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों के लिए
Faman athlamu mimman kathaba 'ala Allahi wakaththaba bialssidqi ith jaahu alaysa fee jahannama mathwan lilkafireena (az-Zumar 39:32)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर उस व्यक्ति से बढ़कर अत्याचारी कौन होगा, जिसने झूठ घड़कर अल्लाह पर थोपा और सत्य को झूठला दिया जब वह उसके पास आया। क्या जहन्नम में इनकार करनेवालों का ठिकाना नहीं हैं?
English Sahih:
So who is more unjust than one who lies about Allah and denies the truth when it has come to him? Is there not in Hell a residence for the disbelievers? ([39] Az-Zumar : 32)