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وَنُفِخَ فِى الصُّوْرِ فَصَعِقَ مَنْ فِى السَّمٰوٰتِ وَمَنْ فِى الْاَرْضِ اِلَّا مَنْ شَاۤءَ اللّٰهُ ۗ ثُمَّ نُفِخَ فِيْهِ اُخْرٰى فَاِذَا هُمْ قِيَامٌ يَّنْظُرُوْنَ  ( الزمر: ٦٨ )

And (will) be blown
وَنُفِخَ
और फ़ूँका जाएगा
[in]
فِى
सूर में
the trumpet
ٱلصُّورِ
सूर में
then (will) fall dead
فَصَعِقَ
तो बेहोश हो जाएगा
whoever
مَن
जो कोई
(is) in
فِى
आसमानों में
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
and whoever
وَمَن
और जो कोई
(is) on
فِى
ज़मीन में (होगा)
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में (होगा)
except
إِلَّا
मगर
whom
مَن
जिसे
Allah wills
شَآءَ
चाहे
Allah wills
ٱللَّهُۖ
अल्लाह
Then
ثُمَّ
फिर
(it will) be blown
نُفِخَ
फ़ूँका जाएगा
[in it]
فِيهِ
उसमें
a second time
أُخْرَىٰ
दूसरी मर्तबा
and behold!
فَإِذَا
तो यकायक
They
هُمْ
वो
(will be) standing
قِيَامٌ
खड़े
waiting
يَنظُرُونَ
वो देख रहें होंगे

Wanufikha fee alssoori fasa'iqa man fee alssamawati waman fee alardi illa man shaa Allahu thumma nufikha feehi okhra faitha hum qiyamun yanthuroona (az-Zumar 39:68)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और सूर (नरसिंघा) फूँका जाएगा, तो जो कोई आकाशों और जो कोई धरती में होगा वह अचेत हो जाएगा सिवाय उसके जिसको अल्लाह चाहे। फिर उसे दूबारा फूँका जाएगा, तो क्या देखेगे कि सहसा वे खड़े देख रहे है

English Sahih:

And the Horn will be blown, and whoever is in the heavens and whoever is on the earth will fall dead except whom Allah wills. Then it will be blown again, and at once they will be standing, looking on. ([39] Az-Zumar : 68)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जब (पहली बार) सूर फँका जाएगा तो जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग ज़मीन में हैं (मौत से) बेहोश होकर गिर पड़ेंगें) मगर (हाँ) जिस को ख़ुदा चाहे वह अलबत्ता बच जाएगा) फिर जब दोबारा सूर फूँका जाएगा तो फौरन सब के सब खड़े हो कर देखने लगेंगें