اِنَّ اللّٰهَ لَا يَغْفِرُ اَنْ يُّشْرَكَ بِهٖ وَيَغْفِرُ مَا دُوْنَ ذٰلِكَ لِمَنْ يَّشَاۤءُ ۗ وَمَنْ يُّشْرِكْ بِاللّٰهِ فَقَدْ ضَلَّ ضَلٰلًا ۢ بَعِيْدًا ( النساء: ١١٦ )
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
does not
لَا
नहीं बख़्शेगा
forgive
يَغْفِرُ
नहीं बख़्शेगा
that
أَن
कि
partners be associated
يُشْرَكَ
शिर्क किया जाए
with Him
بِهِۦ
साथ उसके
but He forgives
وَيَغْفِرُ
और वो बख्श देगा
[what]
مَا
जो
other than
دُونَ
अलावा हो
that
ذَٰلِكَ
उसके
for whom
لِمَن
जिसके लिए
He wills
يَشَآءُۚ
वो चाहेगा
And whoever
وَمَن
और जो कोई
associates partners
يُشْرِكْ
शिर्क करेगा
with Allah
بِٱللَّهِ
साथ अल्लाह के
then surely
فَقَدْ
तो तहक़ीक़
he lost (the) way
ضَلَّ
वो भटक गया
straying
ضَلَٰلًۢا
भटकना
far away
بَعِيدًا
बहुत दूर का
Inna Allaha la yaghfiru an yushraka bihi wayaghfiru ma doona thalika liman yashao waman yushrik biAllahi faqad dalla dalalan ba'eedan (an-Nisāʾ 4:116)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
निस्संदेह अल्लाह इस चीज़ को क्षमा नहीं करेगा कि उसके साथ किसी को शामिल किया जाए। हाँ, इससे नीचे दर्जे के अपराध को, जिसके लिए चाहेगा, क्षमा कर देगा। जो अल्लाह के साथ किसी को साझी ठहराता है, तो वह भटककर बहुत दूर जा पड़ा
English Sahih:
Indeed, Allah does not forgive association with Him, but He forgives what is less than that for whom He wills. And he who associates others with Allah has certainly gone far astray. ([4] An-Nisa : 116)