وَمَنْ يَّفْعَلْ ذٰلِكَ عُدْوَانًا وَّظُلْمًا فَسَوْفَ نُصْلِيْهِ نَارًا ۗوَكَانَ ذٰلِكَ عَلَى اللّٰهِ يَسِيْرًا ( النساء: ٣٠ )
And whoever
وَمَن
और जो कोई
does
يَفْعَلْ
करेगा
that
ذَٰلِكَ
ये
(in) aggression
عُدْوَٰنًا
ज़्यादती
and injustice
وَظُلْمًا
और ज़ुल्म से
then soon
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
We (will) cast him
نُصْلِيهِ
हम जलाऐंगे उसे
(into) a Fire
نَارًاۚ
आग में
And is
وَكَانَ
और है
that
ذَٰلِكَ
ये
for
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
easy
يَسِيرًا
निहायत आसान
Waman yaf'al thalika 'udwanan wathulman fasawfa nusleehi naran wakana thalika 'ala Allahi yaseeran (an-Nisāʾ 4:30)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जो कोई ज़ुल्म और ज़्यादती से ऐसा करेगा, तो उसे हम जल्द ही आग में झोंक देंगे, और यह अल्लाह के लिए सरल है
English Sahih:
And whoever does that in aggression and injustice – then We will drive him into a Fire. And that, for Allah, is [always] easy. ([4] An-Nisa : 30)