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وَاِذْ يَتَحَاۤجُّوْنَ فِى النَّارِ فَيَقُوْلُ الضُّعَفٰۤؤُ لِلَّذِيْنَ اسْتَكْبَرُوْٓا اِنَّا كُنَّا لَكُمْ تَبَعًا فَهَلْ اَنْتُمْ مُّغْنُوْنَ عَنَّا نَصِيْبًا مِّنَ النَّارِ  ( غافر: ٤٧ )

And when
وَإِذْ
और जब
they will dispute
يَتَحَآجُّونَ
वो बाहम झाड़ेंगे
in
فِى
आग में
the Fire
ٱلنَّارِ
आग में
then will say
فَيَقُولُ
तो कहेंगे
the weak
ٱلضُّعَفَٰٓؤُا۟
कमज़ोर लोग
to those who
لِلَّذِينَ
उनसे जिन्होंने
were arrogant
ٱسْتَكْبَرُوٓا۟
तकब्बुर किया था
"Indeed we
إِنَّا
बेशक हम
[we] were
كُنَّا
थे हम
for you
لَكُمْ
तुम्हारे
followers
تَبَعًا
ताबेअ/ पैरवी करने वाले
so can
فَهَلْ
तो क्या
you
أَنتُم
तुम
avert
مُّغْنُونَ
दूर करने वाले हो
from us
عَنَّا
हमसे
a portion
نَصِيبًا
कुछ हिस्सा
of
مِّنَ
आग से
the Fire?"
ٱلنَّارِ
आग से

Waith yatahajjoona fee alnnari fayaqoolu alddu'afao lillatheena istakbaroo inna kunna lakum taba'an fahal antum mughnoona 'anna naseeban mina alnnari (Ghāfir 40:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और सोचो जबकि वे आग के भीतर एक-दूसरे से झगड़ रहे होंगे, तो कमज़ोर लोग उन लोगों से, जो बड़े बनते थे, कहेंगे, 'हम तो तुम्हारे पीछे चलनेवाले थे। अब क्या तुम हमपर से आग का कुछ भाग हटा सकते हो?'

English Sahih:

And [mention] when they will argue within the Fire, and the weak will say to those who had been arrogant, "Indeed, we were [only] your followers, so will you relieve us of a share of the Fire?" ([40] Ghafir : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ये लोग जिस वक्त ज़हन्नुम में बाहम झगड़ेंगें तो कम हैसियत लोग बड़े आदमियों से कहेंगे कि हम तुम्हारे ताबे थे तो क्या तुम इस वक्त (दोज़ख़ की) आग का कुछ हिस्सा हमसे हटा सकते हो