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وَجَعَلُوْا لَهٗ مِنْ عِبَادِهٖ جُزْءًا ۗاِنَّ الْاِنْسَانَ لَكَفُوْرٌ مُّبِيْنٌ ۗ ࣖ   ( الزخرف: ١٥ )

But they attribute
وَجَعَلُوا۟
और उन्होंने बना दिया
to Him
لَهُۥ
उसके लिए
from
مِنْ
उसके बन्दों में से
His slaves
عِبَادِهِۦ
उसके बन्दों में से
a portion
جُزْءًاۚ
एक जुज़(औलाद)
Indeed
إِنَّ
बेशक
man
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान
surely (is) clearly ungrateful
لَكَفُورٌ
यक़ीनन बहुत नाशुक्रा है
surely (is) clearly ungrateful
مُّبِينٌ
खुल्लम-खुल्ला

Waja'aloo lahu min 'ibadihi juzan inna alinsana lakafoorun mubeenun (az-Zukhruf 43:15)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्होंने उसके बन्दों में से कुछ को उसका अंश ठहरा दिया! निश्चय ही मनुष्य खुला कृतघ्न है

English Sahih:

But they have attributed to Him from His servants a portion. Indeed, man is clearly ungrateful. ([43] Az-Zukhruf : 15)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उन लोगों ने उसके बन्दों में से उसके लिए औलाद क़रार दी है इसमें शक़ नहीं कि इन्सान खुल्लम खुल्ला बड़ा ही नाशक्रा है