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مَنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِنَفْسِهٖۚ وَمَنْ اَسَاۤءَ فَعَلَيْهَا ۖ ثُمَّ اِلٰى رَبِّكُمْ تُرْجَعُوْنَ  ( الجاثية: ١٥ )

Whoever
مَنْ
जिसने
does
عَمِلَ
अमल किया
a righteous deed
صَٰلِحًا
नेक
then it is for his soul
فَلِنَفْسِهِۦۖ
तो उसी के लिए है
and whoever
وَمَنْ
और जो
does evil
أَسَآءَ
बुराई करता है
then it (is) against it
فَعَلَيْهَاۖ
तो उसी पर है
Then
ثُمَّ
फिर
to
إِلَىٰ
अपने रब ही की तरफ़
your Lord
رَبِّكُمْ
अपने रब ही की तरफ़
you will be returned
تُرْجَعُونَ
तुम लौटाए जाओगे

Man 'amila salihan falinafsihi waman asaa fa'alayha thumma ila rabbikum turja'oona (al-Jāthiyah 45:15)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो कुछ अच्छा कर्म करता है तो अपने ही लिए करेगा और जो कोई बुरा कर्म करता है तो उसका वबाल उसी पर होगा। फिर तुम अपने रब की ओर लौटाये जाओगे

English Sahih:

Whoever does a good deed – it is for himself; and whoever does evil – it is against it [i.e., the self or soul]. Then to your Lord you will be returned. ([45] Al-Jathiyah : 15)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

जो शख़्श नेक काम करता है तो ख़ास अपने लिए और बुरा काम करेगा तो उस का वबाल उसी पर होगा फिर (आख़िर) तुम अपने परवरदिगार की तरफ लौटाए जाओगे