قُلِ اللّٰهُ يُحْيِيْكُمْ ثُمَّ يُمِيْتُكُمْ ثُمَّ يَجْمَعُكُمْ اِلٰى يَوْمِ الْقِيٰمَةِ لَارَيْبَ فِيْهِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَ ࣖ ( الجاثية: ٢٦ )
Say
قُلِ
कह दीजिए कि
"Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
gives you life
يُحْيِيكُمْ
वो ज़िन्दा करता है तुम्हें
then
ثُمَّ
फिर
causes you to die;
يُمِيتُكُمْ
वो मौत देता है तुम्हें
then
ثُمَّ
फिर
He will gather you
يَجْمَعُكُمْ
वो जमा करेगा तुम्हें
to
إِلَىٰ
तरफ़ दिन
(the) Day
يَوْمِ
तरफ़ दिन
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
no
لَا
नहीं कोई शक
doubt
رَيْبَ
नहीं कोई शक
about it"
فِيهِ
जिसमें
But
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
most
أَكْثَرَ
अक्सर
(of) the people
ٱلنَّاسِ
लोग
(do) not
لَا
नहीं वे इल्म रखते
know
يَعْلَمُونَ
नहीं वे इल्म रखते
Quli Allahu yuhyeekum thumma yumeetukum thumma yajma'ukum ila yawmi alqiyamati la rayba feehi walakinna akthara alnnasi la ya'lamoona (al-Jāthiyah 45:26)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'अल्लाह ही तुम्हें जीवन प्रदान करता है। फिर वहीं तुम्हें मृत्यु देता है। फिर वही तुम्हें क़ियामत के दिन तक इकट्ठा कर रहा है, जिसमें कोई संदेह नहीं। किन्तु अधिकतर लोग जानते नहीं
English Sahih:
Say, "Allah causes you to live, then causes you to die; then He will assemble you for the Day of Resurrection, about which there is no doubt, but most of the people do not know." ([45] Al-Jathiyah : 26)