وَكَاَيِّنْ مِّنْ قَرْيَةٍ هِيَ اَشَدُّ قُوَّةً مِّنْ قَرْيَتِكَ الَّتِيْٓ اَخْرَجَتْكَۚ اَهْلَكْنٰهُمْ فَلَا نَاصِرَ لَهُمْ ( محمد: ١٣ )
And how many
وَكَأَيِّن
और कितनी ही
of
مِّن
बस्तियाँ
a town
قَرْيَةٍ
बस्तियाँ
which
هِىَ
वो
(was) stronger
أَشَدُّ
ज़्यादा शदीद थीं
(in) strength
قُوَّةً
क़ुव्वत में
than
مِّن
आपकी बस्ती से
your town
قَرْيَتِكَ
आपकी बस्ती से
which
ٱلَّتِىٓ
वो जिसने
has driven you out?
أَخْرَجَتْكَ
निकाल दिया आपको
We destroyed them
أَهْلَكْنَٰهُمْ
हलाक किया हमने उन्हें
so no
فَلَا
पस ना था
helper
نَاصِرَ
कोई मदद करने वाला
for them
لَهُمْ
उनके लिए
Wakaayyin min qaryatin hiya ashaddu quwwatan min qaryatika allatee akhrajatka ahlaknahum fala nasira lahum (Muḥammad 47:13)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कितनी ही बस्तियाँ थी जो शक्ति में तुम्हारी उस बस्ती से, जिसने तुम्हें निकाल दिया, बढ़-चढ़कर थीं। हमने उन्हे विनष्टम कर दिया! फिर कोई उनका सहायक न हुआ
English Sahih:
And how many a city was stronger than your city [i.e., Makkah] which drove you out? We destroyed them; and there was no helper for them. ([47] Muhammad : 13)