اَفَمَنْ كَانَ عَلٰى بَيِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّهٖ كَمَنْ زُيِّنَ لَهٗ سُوْۤءُ عَمَلِهٖ وَاتَّبَعُوْٓا اَهْوَاۤءَهُمْ ( محمد: ١٤ )
Then is (he) who
أَفَمَن
क्या भला जो
is
كَانَ
हो
on
عَلَىٰ
ऊपर एक वाज़ेह दलील के
a clear proof
بَيِّنَةٍ
ऊपर एक वाज़ेह दलील के
from
مِّن
अपने रब की तरफ़ से
his Lord
رَّبِّهِۦ
अपने रब की तरफ़ से
like (he) who
كَمَن
मानिन्द उसके हो सकता है जो
is made attractive
زُيِّنَ
मुज़य्यन कर दिए गए हों
for him
لَهُۥ
उसके लिए
(the) evil
سُوٓءُ
बुरे
(of) his deeds
عَمَلِهِۦ
अमल उसके
while they follow
وَٱتَّبَعُوٓا۟
और उन्होंने पैरवी की
their desires
أَهْوَآءَهُم
अपनी ख़्वाहिशात की
Afaman kana 'ala bayyinatin min rabbihi kaman zuyyina lahu sooo 'amalihi waittaba'oo ahwaahum (Muḥammad 47:14)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तो क्या जो व्यक्ति अपने रब की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण पर हो वह उन लोगों जैसा हो सकता है, जिन्हें उनका बुरा कर्म ही सुहाना लगता हो और वे अपनी इच्छाओं के पीछे ही चलने लग गए हो?
English Sahih:
So is he who is on clear evidence from his Lord like him to whom the evil of his work has been made attractive and they follow their [own] desires? ([47] Muhammad : 14)