فَاعْلَمْ اَنَّهٗ لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَاسْتَغْفِرْ لِذَنْۢبِكَ وَلِلْمُؤْمِنِيْنَ وَالْمُؤْمِنٰتِۚ وَاللّٰهُ يَعْلَمُ مُتَقَلَّبَكُمْ وَمَثْوٰىكُمْ ࣖ ( محمد: ١٩ )
So know
فَٱعْلَمْ
तो जान लीजिए
that [He] -
أَنَّهُۥ
बेशक
(there is) no
لَآ
नहीं
god
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
but
إِلَّا
मगर
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
and ask forgiveness
وَٱسْتَغْفِرْ
और बख़्शिश माँगिए
for your sin
لِذَنۢبِكَ
अपने क़ुसूर के लिए
and for the believing men
وَلِلْمُؤْمِنِينَ
और मोमिन मर्दों के लिए
and the believing women
وَٱلْمُؤْمِنَٰتِۗ
और मोमिन औरतों के लिए
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
knows
يَعْلَمُ
वो जानता है
your movement
مُتَقَلَّبَكُمْ
चलना-फिरना तुम्हारा
and your resting places
وَمَثْوَىٰكُمْ
और ठिकाना तुम्हारा
Fai'lam annahu la ilaha illa Allahu waistaghfir lithanbika walilmumineena waalmuminati waAllahu ya'lamu mutaqallabakum wamathwakum (Muḥammad 47:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अतः जान रखों कि अल्लाह के अतिरिक्त कोई पूज्य-प्रभु नहीं। और अपने गुनाहों के लिए क्षमा-याचना करो और मोमिन पुरुषों और मोमिन स्त्रियों के लिए भी। अल्लाह तुम्हारी चलत-फिरत को भी जानता है और तुम्हारे ठिकाने को भी
English Sahih:
So know, [O Muhammad], that there is no deity except Allah and ask forgiveness for your sin and for the believing men and believing women. And Allah knows of your movement and your resting place. ([47] Muhammad : 19)