قَالَ رَبِّ اِنِّيْ لَآ اَمْلِكُ اِلَّا نَفْسِيْ وَاَخِيْ فَافْرُقْ بَيْنَنَا وَبَيْنَ الْقَوْمِ الْفٰسِقِيْنَ ( المائدة: ٢٥ )
He said
قَالَ
कहा
"O my Lord!
رَبِّ
ऐ मेरे रब
Indeed, I
إِنِّى
बेशक मैं
(do) not
لَآ
नहीं मैं मालिक
(have) power
أَمْلِكُ
नहीं मैं मालिक
except
إِلَّا
मगर
(over) myself
نَفْسِى
अपने नफ़्स का
and my brother
وَأَخِىۖ
और अपने भाई का
so (make a) separation
فَٱفْرُقْ
पस जुदाई डाल दे
between us
بَيْنَنَا
दर्मियान हमारे
and between
وَبَيْنَ
और दर्मियान
the people"
ٱلْقَوْمِ
उन लोगों के
(the) defiantly disobedient"
ٱلْفَٰسِقِينَ
जो फ़ासिक़ हैं
Qala rabbi innee la amliku illa nafsee waakhee faofruq baynana wabayna alqawmi alfasiqeena (al-Māʾidah 5:25)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'मेरे रब! मेरा स्वयं अपने और अपने भाई के अतिरिक्त किसी पर अधिकार नहीं है। अतः तू हमारे और इन अवज्ञाकारी लोगों के बीच अलगाव पैदा कर दे।'
English Sahih:
[Moses] said, "My Lord, indeed I do not possess [i.e., control] except myself and my brother, so part us from the defiantly disobedient people." ([5] Al-Ma'idah : 25)