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اِنَّمَا وَلِيُّكُمُ اللّٰهُ وَرَسُوْلُهٗ وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوا الَّذِيْنَ يُقِيْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَيُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَهُمْ رَاكِعُوْنَ  ( المائدة: ٥٥ )

Only
إِنَّمَا
बेशक
your ally
وَلِيُّكُمُ
दोस्त तुम्हारा
(is) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह है
and His Messenger
وَرَسُولُهُۥ
और उसका रसूल
and those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
believe
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and those who
ٱلَّذِينَ
वो जो
establish
يُقِيمُونَ
क़ायम करते हैं
the prayer
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
and give
وَيُؤْتُونَ
और वो देते हैं
zakah
ٱلزَّكَوٰةَ
ज़कात
and they
وَهُمْ
और वो
(are) those who bow down
رَٰكِعُونَ
रुकुअ करने वाले हैं

Innama waliyyukumu Allahu warasooluhu waallatheena amanoo allatheena yuqeemoona alssalata wayutoona alzzakata wahum raki'oona (al-Māʾidah 5:55)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तुम्हारे मित्र को केवल अल्लाह और उसका रसूल और वे ईमानवाले है; जो विनम्रता के साथ नमाज़ क़ायम करते है और ज़कात देते है

English Sahih:

Your ally is none but Allah and [therefore] His Messenger and those who have believed – those who establish prayer and give Zakah, and they bow [in worship]. ([5] Al-Ma'idah : 55)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ ईमानदारों) तुम्हारे मालिक सरपरस्त तो बस यही हैं ख़ुदा और उसका रसूल और वह मोमिनीन जो पाबन्दी से नमाज़ अदा करते हैं और हालत रूकूउ में ज़कात देते हैं