لُعِنَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْۢ بَنِيْٓ اِسْرَاۤءِيْلَ عَلٰى لِسَانِ دَاوٗدَ وَعِيْسَى ابْنِ مَرْيَمَ ۗذٰلِكَ بِمَا عَصَوْا وَّكَانُوْا يَعْتَدُوْنَ ( المائدة: ٧٨ )
Were cursed
لُعِنَ
लानत किए गए
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
disbelieved
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
from
مِنۢ
बनी इस्राईल में से
(the) Children
بَنِىٓ
बनी इस्राईल में से
(of) Israel
إِسْرَٰٓءِيلَ
बनी इस्राईल में से
by
عَلَىٰ
ज़बान पर
(the) tongue
لِسَانِ
ज़बान पर
(of) Dawood
دَاوُۥدَ
दाऊद की
and Isa
وَعِيسَى
और ईसा इब्ने मरियम की
son
ٱبْنِ
और ईसा इब्ने मरियम की
(of) Maryam
مَرْيَمَۚ
और ईसा इब्ने मरियम की
that (was)
ذَٰلِكَ
ये
because
بِمَا
बवजह उसके जो
they disobeyed
عَصَوا۟
उन्होंने नाफ़रमानी की
and they were
وَّكَانُوا۟
और थे वो
transgressing
يَعْتَدُونَ
वो हद से बढ़ जाते
Lu'ina allatheena kafaroo min banee israeela 'ala lisani dawooda wa'eesa ibni maryama thalika bima 'asaw wakanoo ya'tadoona (al-Māʾidah 5:78)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इसराईल की सन्तान में से जिन लोगों ने इनकार किया, उनपर दाऊद और मरयम के बेटे ईसा की ज़बान से फिटकार पड़ी, क्योंकि उन्होंने अवज्ञा की और वे हद से आगे बढ़े जा रहे थे
English Sahih:
Cursed were those who disbelieved among the Children of Israel by the tongue of David and of Jesus, the son of Mary. That was because they disobeyed and [habitually] transgressed. ([5] Al-Ma'idah : 78)