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وَاِذَا سَمِعُوْا مَآ اُنْزِلَ اِلَى الرَّسُوْلِ تَرٰٓى اَعْيُنَهُمْ تَفِيْضُ مِنَ الدَّمْعِ مِمَّا عَرَفُوْا مِنَ الْحَقِّۚ يَقُوْلُوْنَ رَبَّنَآ اٰمَنَّا فَاكْتُبْنَا مَعَ الشّٰهِدِيْنَ   ( المائدة: ٨٣ )

And when
وَإِذَا
और जब
they listen
سَمِعُوا۟
वो सुनते हैं
(to) what
مَآ
जो
has been revealed
أُنزِلَ
नाज़िल किया गया
to
إِلَى
तरफ़ रसूल के
the Messenger
ٱلرَّسُولِ
तरफ़ रसूल के
you see
تَرَىٰٓ
आप देखते हैं
their eyes
أَعْيُنَهُمْ
उनकी आँखों को
overflowing
تَفِيضُ
बह पड़ती हैं
with
مِنَ
आँसुओं से
the tears
ٱلدَّمْعِ
आँसुओं से
for what
مِمَّا
इस (वजह) से जो
they recognized
عَرَفُوا۟
उन्होंने पहचान लिया
of
مِنَ
हक़ को
the truth
ٱلْحَقِّۖ
हक़ को
They say
يَقُولُونَ
वो कहते हैं
"Our Lord
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
we have believed
ءَامَنَّا
ईमान लाए हम
so write us
فَٱكْتُبْنَا
पस लिख दे हमें
with
مَعَ
साथ
the witnesses
ٱلشَّٰهِدِينَ
शहादत देने वालों के

Waitha sami'oo ma onzila ila alrrasooli tara a'yunahum tafeedu mina alddam'i mimma 'arafoo mina alhaqqi yaqooloona rabbana amanna faoktubna ma'a alshshahideena (al-Māʾidah 5:83)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जब वे उसे सुनते है जो रसूल पर अवतरित हुआ तो तुम देखते हो कि उनकी आँखे आँसुओ से छलकने लगती है। इसका कारण यह है कि उन्होंने सत्य को पहचान लिया। वे कहते हैं, 'हमारे रब! हम ईमान ले आए। अतएव तू हमारा नाम गवाही देनेवालों में लिख ले

English Sahih:

And when they hear what has been revealed to the Messenger, you see their eyes overflowing with tears because of what they have recognized of the truth. They say, "Our Lord, we have believed, so register us among the witnesses. ([5] Al-Ma'idah : 83)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और तू देखता है कि जब यह लोग (इस कुरान) को सुनते हैं जो हमारे रसूल पर नाज़िल किया गया है तो उनकी ऑंखों से बेसाख्ता (छलक कर) ऑंसू जारी हो जातें है क्योंकि उन्होंने (अम्र) हक़ को पहचान लिया है (और) अर्ज़ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले हम तो ईमान ला चुके तो (रसूल की) तसदीक़ करने वालों के साथ हमें भी लिख रख