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وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَاتَّبَعَتْهُمْ ذُرِّيَّتُهُمْ بِاِيْمَانٍ اَلْحَقْنَا بِهِمْ ذُرِّيَّتَهُمْ وَمَآ اَلَتْنٰهُمْ مِّنْ عَمَلِهِمْ مِّنْ شَيْءٍۚ كُلُّ امْرِئٍ ۢبِمَا كَسَبَ رَهِيْنٌ   ( الطور: ٢١ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो लोग जो
believed
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and followed them
وَٱتَّبَعَتْهُمْ
और पैरवी की उनकी
their offspring
ذُرِّيَّتُهُم
उनकी औलाद ने
in faith
بِإِيمَٰنٍ
साथ ईमान के
We will join
أَلْحَقْنَا
मिला देंगे हम
with them
بِهِمْ
साथ उनके
their offspring
ذُرِّيَّتَهُمْ
उनकी औलाद को
and not
وَمَآ
और ना
We will deprive them
أَلَتْنَٰهُم
कमी करेंगे हम उनसे
of
مِّنْ
उनके अमल में से
their deeds
عَمَلِهِم
उनके अमल में से
(in) any
مِّن
कुछ भी
thing
شَىْءٍۚ
कुछ भी
Every
كُلُّ
हर
person
ٱمْرِئٍۭ
शख़्स
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
he earned
كَسَبَ
उसने कमाई की
(is) pledged
رَهِينٌ
रेहन/गिरवी है

Waallatheena amanoo waittaba'athum thurriyyatuhum bieemanin alhaqna bihim thurriyyatahum wama alatnahum min 'amalihim min shayin kullu imriin bima kasaba raheenun (aṭ-Ṭūr 52:21)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो लोग ईमान लाए और उनकी सन्तान ने भी ईमान के साथ उसका अनुसरण किया, उनकी सन्तान को भी हम उनसे मिला देंगे, और उनके कर्म में से कुछ भी कम करके उन्हें नहीं देंगे। हर व्यक्ति अपनी कमाई के बदले में बन्धक है

English Sahih:

And those who believed and whose descendants followed them in faith – We will join with them their descendants, and We will not deprive them of anything of their deeds. Every person, for what he earned, is retained. ([52] At-Tur : 21)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और उनकी औलाद ने भी ईमान में उनका साथ दिया तो हम उनकी औलाद को भी उनके दर्जे पहुँचा देंगे और हम उनकी कारगुज़ारियों में से कुछ भी कम न करेंगे हर शख़्श अपने आमाल के बदले में गिरवी है