فَقَالُوْٓا اَبَشَرًا مِّنَّا وَاحِدًا نَّتَّبِعُهٗٓ ۙاِنَّآ اِذًا لَّفِيْ ضَلٰلٍ وَّسُعُرٍ ( القمر: ٢٤ )
And said
فَقَالُوٓا۟
तो उन्होंने कहा
"Is (it) a human being
أَبَشَرًا
क्या एक आदमी
among us
مِّنَّا
हम में से
one
وَٰحِدًا
अकेला
(that) we should follow him
نَّتَّبِعُهُۥٓ
हम पैरवी करें उसकी
Indeed we
إِنَّآ
बेशक हम
then
إِذًا
तब
(will be) surely in
لَّفِى
अलबत्ता गुमराही में होंगे
error
ضَلَٰلٍ
अलबत्ता गुमराही में होंगे
and madness
وَسُعُرٍ
और जुनून में
Faqaloo abasharan minna wahidan nattabi'uhu inna ithan lafee dalalin wasu'urin (al-Q̈amar 54:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और कहने लगे, 'एक अकेला आदमी, जो हम ही में से है, क्या हम उसके पीछे चलेंगे? तब तो वास्तव में हम गुमराही और दीवानापन में पड़ गए!
English Sahih:
And said, "Is it one human being among us that we should follow? Indeed, we would then be in error and madness. ([54] Al-Qamar : 24)