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وَكَذَّبُوْا وَاتَّبَعُوْٓا اَهْوَاۤءَهُمْ وَكُلُّ اَمْرٍ مُّسْتَقِرٌّ  ( القمر: ٣ )

And they denied
وَكَذَّبُوا۟
और उन्होंने झुठलाया
and followed
وَٱتَّبَعُوٓا۟
और उन्होंने पैरवी की
their desires
أَهْوَآءَهُمْۚ
अपनी ख़्वाहिशात की
but (for) every
وَكُلُّ
और हर
matter
أَمْرٍ
काम का
(will be a) settlement
مُّسْتَقِرٌّ
वक़्त मुक़र्रर है

Wakaththaboo waittaba'oo ahwaahum wakullu amrin mustaqirrun (al-Q̈amar 54:3)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्होंने झुठलाया और अपनी इच्छाओं का अनुसरण किया; किन्तु हर मामले के लिए एक नियत अवधि है।

English Sahih:

And they denied and followed their inclinations. But for every matter is a [time of] settlement. ([54] Al-Qamar : 3)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उन लोगों ने झुठलाया और अपनी नफ़सियानी ख्वाहिशों की पैरवी की, और हर काम का वक्त मुक़र्रर है