Skip to main content

قُلِ اللّٰهُ يُنَجِّيْكُمْ مِّنْهَا وَمِنْ كُلِّ كَرْبٍ ثُمَّ اَنْتُمْ تُشْرِكُوْنَ   ( الأنعام: ٦٤ )

Say
قُلِ
कह दीजिए
"Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
saves you
يُنَجِّيكُم
वो निजात देता है तुम्हें
from it
مِّنْهَا
उस से
and from
وَمِن
और हर मुसीबत से
every
كُلِّ
और हर मुसीबत से
distress
كَرْبٍ
और हर मुसीबत से
yet
ثُمَّ
फिर
you
أَنتُمْ
तुम
associate partners (with Allah)"
تُشْرِكُونَ
तुम शरीक बनाते हो

Quli Allahu yunajjeekum minha wamin kulli karbin thumma antum tushrikoona (al-ʾAnʿām 6:64)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो, 'अल्लाह तुम्हें इनसे और हरके बेचैनी और पीड़ा से छुटकारा देता है, लेकिन फिर तुम उसका साझीदार ठहराने लगते हो।'

English Sahih:

Say, "It is Allah who saves you from it and from every distress; then you [still] associate others with Him." ([6] Al-An'am : 64)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तुम कहो उन (मुसीबतों) से और हर बला में ख़ुदा तुम्हें नजात देता है (मगर अफसोस) उस पर भी तुम शिर्क करते ही जाते हो