لَنْ تَنْفَعَكُمْ اَرْحَامُكُمْ وَلَآ اَوْلَادُكُمْ ۛيَوْمَ الْقِيٰمَةِ ۛيَفْصِلُ بَيْنَكُمْۗ وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِيْرٌ ( الممتحنة: ٣ )
Never
لَن
हरगिज़ नहीं
will benefit you
تَنفَعَكُمْ
फ़ायदा देंगी तुम्हें
your relatives
أَرْحَامُكُمْ
रिश्तेदारियाँ तुम्हारी
and not
وَلَآ
और ना
your children
أَوْلَٰدُكُمْۚ
औलाद तुम्हारी
(on the) Day
يَوْمَ
दिन
(of) the Resurrection
ٱلْقِيَٰمَةِ
क़यामत के
He will judge
يَفْصِلُ
वो फ़ैसला करेगा
between you
بَيْنَكُمْۚ
दर्मियान तुम्हारे
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
of what
بِمَا
उस जो
you do
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते हो
(is) All-Seer
بَصِيرٌ
ख़ूब देखने वाला है
Lan tanfa'akum arhamukum wala awladukum yawma alqiyamati yafsilu baynakum waAllahu bima ta'maloona baseerun (al-Mumtaḥanah 60:3)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क़ियामत के दिन तुम्हारी नातेदारियाँ कदापि तुम्हें लाभ न पहुँचाएँगी और न तुम्हारी सन्तान ही। उस दिन वह (अल्लाह) तुम्हारे बीच जुदाई डाल देगा। जो कुछ भी तुम करते हो अल्लाह उसे देख रहा होता है
English Sahih:
Never will your relatives or your children benefit you; the Day of Resurrection He will judge between you. And Allah, of what you do, is Seeing. ([60] Al-Mumtahanah : 3)