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۞ عَسَى اللّٰهُ اَنْ يَّجْعَلَ بَيْنَكُمْ وَبَيْنَ الَّذِيْنَ عَادَيْتُمْ مِّنْهُمْ مَّوَدَّةًۗ وَاللّٰهُ قَدِيْرٌۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ   ( الممتحنة: ٧ )

Perhaps
عَسَى
उम्मीद है
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
[that]
أَن
कि
will put
يَجْعَلَ
वो डाल दे
between you
بَيْنَكُمْ
दर्मियान तुम्हारे
and between
وَبَيْنَ
और दर्मियान
those (to) whom
ٱلَّذِينَ
उनके जिनसे
you have been enemies
عَادَيْتُم
अदावत रखते हो तुम
among them
مِّنْهُم
उनमें से
love
مَّوَدَّةًۚ
दोस्ती
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) All-Powerful
قَدِيرٌۚ
ख़ूब क़ुदरत वाला है
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) Oft-Forgiving
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
Most Merciful
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है

'asa Allahu an yaj'ala baynakum wabayna allatheena 'adaytum minhum mawaddatan waAllahu qadeerun waAllahu ghafoorun raheemun (al-Mumtaḥanah 60:7)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

आशा है कि अल्लाह तुम्हारे और उनके बीच, जिनके बीच, जिनसे तुमने शत्रुता मोल ली है, प्रेम-भाव उत्पन्न कर दे। अल्लाह बड़ी सामर्थ्य रखता है और अल्लाह बहुत क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है

English Sahih:

Perhaps Allah will put, between you and those to whom you have been enemies among them, affection. And Allah is competent, and Allah is Forgiving and Merciful. ([60] Al-Mumtahanah : 7)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

करीब है कि ख़ुदा तुम्हारे और उनमें से तुम्हारे दुश्मनों के दरमियान दोस्ती पैदा कर दे और ख़ुदा तो क़ादिर है और ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है