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يُرِيْدُوْنَ لِيُطْفِـُٔوْا نُوْرَ اللّٰهِ بِاَفْوَاهِهِمْۗ وَاللّٰهُ مُتِمُّ نُوْرِهٖ وَلَوْ كَرِهَ الْكٰفِرُوْنَ   ( الصف: ٨ )

They intend
يُرِيدُونَ
वो चाहते हैं
to put out
لِيُطْفِـُٔوا۟
कि वो बुझा दें
(the) light
نُورَ
नूर
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
with their mouths
بِأَفْوَٰهِهِمْ
अपने मूँहों से
but Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
will perfect
مُتِمُّ
पूरा करने वाला है
His Light
نُورِهِۦ
अपने नूर को
although
وَلَوْ
और अगरचे
dislike
كَرِهَ
नापसंद करें
the disbelievers
ٱلْكَٰفِرُونَ
काफ़िर

Yureedoona liyutfioo noora Allahi biafwahihim waAllahu mutimmu noorihi walaw kariha alkafiroona (aṣ-Ṣaff 61:8)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे चाहते है कि अल्लाह के प्रकाश को अपने मुँह की फूँक से बुझा दे, किन्तु अल्लाह अपने प्रकाश को पूर्ण करके ही रहेगा, यद्यपि इनकार करनेवालों को अप्रिय ही लगे

English Sahih:

They want to extinguish the light of Allah with their mouths, but Allah will perfect His light, although the disbelievers dislike it. ([61] As-Saf : 8)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ये लोग अपने मुँह से (फूँक मारकर) ख़ुदा के नूर को बुझाना चाहते हैं हालॉकि ख़ुदा अपने नूर को पूरा करके रहेगा अगरचे कुफ्फ़ार बुरा ही (क्यों न) मानें