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خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّ وَصَوَّرَكُمْ فَاَحْسَنَ صُوَرَكُمْۚ وَاِلَيْهِ الْمَصِيْرُ   ( التغابن: ٣ )

He created
خَلَقَ
उसने पैदा किया
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
with truth
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
and He formed you
وَصَوَّرَكُمْ
और उसने सूरत बनाई तुम्हारी
and made good
فَأَحْسَنَ
तो उसने अच्छी बनाईं
your forms
صُوَرَكُمْۖ
सूरतें तुम्हारी
and to Him
وَإِلَيْهِ
और तरफ़ उसी के
(is) the final return
ٱلْمَصِيرُ
लौटना है

Khalaqa alssamawati waalarda bialhaqqi wasawwarakum faahsana suwarakum wailayhi almaseeru (at-Taghābun 64:3)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने आकाशों और धरती को हक़ के साथ पैदा किया और तुम्हारा रूप बनाया, तो बहुत ही अच्छे बनाए तुम्हारे रूप और उसी की ओर अन्ततः जाना है

English Sahih:

He created the heavens and earth in truth and formed you and perfected your forms; and to Him is the [final] destination. ([64] At-Taghabun : 3)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उसी ने सारे आसमान व ज़मीन को हिकमत व मसलेहत से पैदा किया और उसी ने तुम्हारी सूरतें बनायीं तो सबसे अच्छी सूरतें बनायीं और उसी की तरफ लौटकर जाना हैं