اِنَّ الَّذِيْنَ اتَّخَذُوا الْعِجْلَ سَيَنَالُهُمْ غَضَبٌ مِّنْ رَّبِّهِمْ وَذِلَّةٌ فِى الْحَيٰوةِ الدُّنْيَاۗ وَكَذٰلِكَ نَجْزِى الْمُفْتَرِيْنَ ( الأعراف: ١٥٢ )
Indeed
إِنَّ
बेशक
those who
ٱلَّذِينَ
वो लोग जिन्होंने
took
ٱتَّخَذُوا۟
बना लिया
the calf
ٱلْعِجْلَ
बछड़े को (माबूद)
will reach them
سَيَنَالُهُمْ
अनक़रीब पहुँचेगा उन्हें
wrath
غَضَبٌ
ग़ज़ब
from
مِّن
उनके रब की तरफ़ से
their Lord
رَّبِّهِمْ
उनके रब की तरफ़ से
and humiliation
وَذِلَّةٌ
और रुसवाई
in
فِى
ज़िन्दगी में
the life
ٱلْحَيَوٰةِ
ज़िन्दगी में
(of) the world
ٱلدُّنْيَاۚ
दुनिया की
And thus
وَكَذَٰلِكَ
और इसी तरह
We recompense
نَجْزِى
हम बदला देते हैं
the ones who invent (falsehood)
ٱلْمُفْتَرِينَ
झूठ बाँधने वालों को
Inna allatheena ittakhathoo al'ijla sayanaluhum ghadabun min rabbihim wathillatun fee alhayati alddunya wakathalika najzee almuftareena (al-ʾAʿrāf 7:152)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिन लोगों ने बछड़े को अपना उपास्य बनाया, वे अपने रब की ओर से प्रकोप और सांसारिक जीवन में अपमान से ग्रस्त होकर रहेंगे; और झूठ घड़नेवालों को हम ऐसा ही बदला देते है
English Sahih:
Indeed, those who took the calf [for worship] will obtain anger from their Lord and humiliation in the life of this world, and thus do We recompense the inventors [of falsehood]. ([7] Al-A'raf : 152)