اُبَلِّغُكُمْ رِسٰلٰتِ رَبِّيْ وَاَنَا۠ لَكُمْ نَاصِحٌ اَمِيْنٌ ( الأعراف: ٦٨ )
I convey to you
أُبَلِّغُكُمْ
मैं पहुँचाता हूँ तुम्हें
Messages
رِسَٰلَٰتِ
पैग़ामात
(of) my Lord
رَبِّى
अपने रब के
and I am
وَأَنَا۠
और मैं
to you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
an adviser -
نَاصِحٌ
ख़ैरख़्वाह हूँ
trustworthy
أَمِينٌ
अमानतदार हूँ
Oballighukum risalati rabbee waana lakum nasihun ameenun (al-ʾAʿrāf 7:68)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'तुम्हें अपने रब के संदेश पहुँचता हूँ और मैं तुम्हारा विश्वस्त हितैषी हूँ
English Sahih:
I convey to you the messages of my Lord, and I am to you a trustworthy adviser. ([7] Al-A'raf : 68)