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اَوَعَجِبْتُمْ اَنْ جَاۤءَكُمْ ذِكْرٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ عَلٰى رَجُلٍ مِّنْكُمْ لِيُنْذِرَكُمْۗ وَاذْكُرُوْٓا اِذْ جَعَلَكُمْ خُلَفَاۤءَ مِنْۢ بَعْدِ قَوْمِ نُوْحٍ وَّزَادَكُمْ فِى الْخَلْقِ بَصْۣطَةً ۚفَاذْكُرُوْٓا اٰلَاۤءَ اللّٰهِ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ   ( الأعراف: ٦٩ )

Do
أَوَعَجِبْتُمْ
क्या भला ताज्जुब हुआ तुम्हें
you wonder
أَن
कि
that
جَآءَكُمْ
आई तुम्हारे पास
has come to you
ذِكْرٌ
एक नसीहत
a reminder
مِّن
तुम्हारे रब की तरफ़ से
from
رَّبِّكُمْ
तुम्हारे रब की तरफ़ से
your Lord
عَلَىٰ
एक शख़्स पर
on
رَجُلٍ
एक शख़्स पर
a man
مِّنكُمْ
तुम में से
among you
لِيُنذِرَكُمْۚ
ताकि वो डराए तुम्हें
that he may warn you?
وَٱذْكُرُوٓا۟
और याद करो
And remember
إِذْ
जब
when
جَعَلَكُمْ
उसने बनाया तुम्हें
He made you
خُلَفَآءَ
जानशीन
successors
مِنۢ
बाद
after
بَعْدِ
बाद
(the) people
قَوْمِ
क़ौमे
(of) Nuh
نُوحٍ
नूह के
and increased you
وَزَادَكُمْ
और उसने ज़्यादा दी तुम्हें
in
فِى
तख़्लीक़ में
the stature
ٱلْخَلْقِ
तख़्लीक़ में
extensively
بَصْۜطَةًۖ
फ़राख़ी/फैलाव
So remember
فَٱذْكُرُوٓا۟
पस याद करो
(the) Bounties
ءَالَآءَ
नेअमतों को
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
so that you may
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
succeed"
تُفْلِحُونَ
तुम फलाह पा जाओ

Awa'ajibtum an jaakum thikrun min rabbikum 'ala rajulin minkum liyunthirakum waothkuroo ith ja'alakum khulafaa min ba'di qawmi noohin wazadakum fee alkhalqi bastatan faothkuroo alaa Allahi la'allakum tuflihoona (al-ʾAʿrāf 7:69)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'क्या (तुमने मुझे झूठा समझा) और तुम्हें इसपर आश्चर्य हुआ कि तुम्हारे पास तुम्हीं में से एक आदमी के द्वारा तुम्हारे रब की नसीहत आई, ताकि वह तुम्हें सचेत करे? और याद करो, जब उसने नूह की क़ौम के पश्चात तुम्हें उसका उत्तराधिकारी बनाया और शारीरिक दृष्टि से भी तुम्हें अधिक विशालता प्रदान की। अतः अल्लाह की सामर्थ्य के चमत्कारो को याद करो, ताकि तुम्हें सफलता प्राप्त हो।'

English Sahih:

Then do you wonder that there has come to you a reminder from your Lord through a man from among you, that he may warn you? And remember when He made you successors after the people of Noah and increased you in stature extensively. So remember the favors of Allah that you might succeed." ([7] Al-A'raf : 69)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्या तुम्हें इस पर ताअज्जुब है कि तुम्हारे परवरदिगार का हुक्म तुम्हारे पास तुम्ही में एक मर्द (आदमी) के ज़रिए से (आया) कि तुम्हें (अजाब से) डराए और (वह वक्त) याद करो जब उसने तुमको क़ौम नूह के बाद ख़लीफा (व जानशीन) बनाया और तुम्हारी ख़िलाफ़त में भी बहुत ज्यादती कर दी तो ख़ुदा की नेअमतों को याद करो ताकि तुम दिली मुरादे पाओ