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ثُمَّ بَدَّلْنَا مَكَانَ السَّيِّئَةِ الْحَسَنَةَ حَتّٰى عَفَوْا وَّقَالُوْا قَدْ مَسَّ اٰبَاۤءَنَا الضَّرَّاۤءُ وَالسَّرَّاۤءُ فَاَخَذْنٰهُمْ بَغْتَةً وَّهُمْ لَا يَشْعُرُوْنَ   ( الأعراف: ٩٥ )

Then
ثُمَّ
फिर
We changed
بَدَّلْنَا
बदल दिया हमने
(in) place
مَكَانَ
जगह
(of) the bad
ٱلسَّيِّئَةِ
बुराई के
the good
ٱلْحَسَنَةَ
भलाई को
until
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
they increased
عَفَوا۟
वो ज़्यादा हो गए
and said
وَّقَالُوا۟
और वो कहने लगे
"Verily
قَدْ
तहक़ीक़
(had) touched
مَسَّ
पहुँची थी
our forefathers
ءَابَآءَنَا
हमारे आबा ओ अजदाद को (भी)
the adversity
ٱلضَّرَّآءُ
तकलीफ़
and the ease"
وَٱلسَّرَّآءُ
और ख़ुशी
So We seized them
فَأَخَذْنَٰهُم
तो पकड़ लिया हमने उन्हें
suddenly
بَغْتَةً
अचानक
while they
وَهُمْ
और वो
(did) not
لَا
वो शऊर ना रखते थे
perceive
يَشْعُرُونَ
वो शऊर ना रखते थे

Thumma baddalna makana alssayyiati alhasanata hatta 'afaw waqaloo qad massa abaana alddarrao waalssarrao faakhathnahum baghtatan wahum la yash'uroona (al-ʾAʿrāf 7:95)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

फिर हमने बदहाली को ख़ुशहाली में बदल दिया, यहाँ तक कि वे ख़ूब फले-फूले और कहने लगे, 'ये दुख और सुख तो हमारे बाप-दादा को भी पहुँचे हैं।' अनततः जब वे बेखबर थे, हमने अचानक उन्हें पकड़ लिया

English Sahih:

Then We exchanged in place of the bad [condition], good, until they increased [and prospered] and said, "Our fathers [also] were touched with hardship and ease." So We seized them suddenly while they did not perceive. ([7] Al-A'raf : 95)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

फिर हमने तकलीफ़ की जगह आराम को बदल दिया यहाँ तक कि वह लोग बढ़ निकले और कहने लगे कि इस तरह की तकलीफ़ व आराम तो हमारे बाप दादाओं को पहुँच चुका है तब हमने (उस बढ़ाने के की सज़ा में (अचानक उनको अज़ाब में) गिरफ्तार किया