فَلَآ اُقْسِمُ بِرَبِّ الْمَشَارِقِ وَالْمَغٰرِبِ اِنَّا لَقٰدِرُوْنَۙ ( المعارج: ٤٠ )
But nay!
فَلَآ
पस नहीं
I swear
أُقْسِمُ
मैं क़सम खाता हूँ
by (the) Lord
بِرَبِّ
रब की
(of) the rising
ٱلْمَشَٰرِقِ
मशरिक़ों के
and the settings
وَٱلْمَغَٰرِبِ
और मग़रिबों के
that We
إِنَّا
बेशक हम
(are) surely Able
لَقَٰدِرُونَ
अलबत्ता क़ादिर हैं
Fala oqsimu birabbi almashariqi waalmagharibi inna laqadiroona (al-Maʿārij 70:40)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अतः कुछ नहीं, मैं क़सम खाता हूँ पूर्वों और पश्चिमों के रब की, हमे इसकी सामर्थ्य प्राप्त है
English Sahih:
So I swear by the Lord of [all] risings and settings that indeed We are able ([70] Al-Ma'arij : 40)