وَّاَنَّا لَا نَدْرِيْٓ اَشَرٌّ اُرِيْدَ بِمَنْ فِى الْاَرْضِ اَمْ اَرَادَ بِهِمْ رَبُّهُمْ رَشَدًاۙ ( الجن: ١٠ )
And that we -
وَأَنَّا
औक बेशक हम
not
لَا
नहीं हम जानते
we know
نَدْرِىٓ
नहीं हम जानते
whether evil
أَشَرٌّ
क्या शर/ बुराई का
is intended
أُرِيدَ
इरादा किया गया
for (those) who
بِمَن
साथ उनके जो
(are) in
فِى
ज़मीन में हैं
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में हैं
or
أَمْ
या
intends
أَرَادَ
इरादा किया
for them
بِهِمْ
साथ उनके
their Lord
رَبُّهُمْ
उनके रब ने
a right path
رَشَدًا
ख़ैर/भलाई का
Waanna la nadree asharrun oreeda biman fee alardi am arada bihim rabbuhum rashadan (al-Jinn 72:10)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'और यह कि हम नहीं जानते कि उन लोगों के साथ जो धरती में है बुराई का इरादा किया गया है या उनके रब ने उनके लिए भलाई और मार्गदर्शन का इरादा किय है
English Sahih:
And we do not know [therefore] whether evil is intended for those on earth or whether their Lord intends for them a right course. ([72] Al-Jinn : 10)