Skip to main content

اِنَّآ اَرْسَلْنَآ اِلَيْكُمْ رَسُوْلًا ەۙ شَاهِدًا عَلَيْكُمْ كَمَآ اَرْسَلْنَآ اِلٰى فِرْعَوْنَ رَسُوْلًا ۗ  ( المزمل: ١٥ )

Indeed We
إِنَّآ
बेशक हम
[We] have sent
أَرْسَلْنَآ
भेजा हमने
to you
إِلَيْكُمْ
तरफ़ आपके
a Messenger
رَسُولًا
एक रसूल
(as) a witness
شَٰهِدًا
गवाह
upon you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
as
كَمَآ
जैसा कि
We sent
أَرْسَلْنَآ
भेजा हमने
to
إِلَىٰ
तरफ़ फ़िरऔन के
Firaun
فِرْعَوْنَ
तरफ़ फ़िरऔन के
a Messenger
رَسُولًا
एक रसूल

Inna arsalna ilaykum rasoolan shahidan 'alaykum kama arsalna ila fir'awna rasoolan (al-Muzzammil 73:15)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निश्चय ही हुमने तुम्हारी ओर एक रसूल तुमपर गवाह बनाकर भेजा है, जिस प्रकार हमने फ़़िरऔन की ओर एक रसूल भेजा था

English Sahih:

Indeed, We have sent to you a Messenger as a witness upon you just as We sent to Pharaoh a messenger. ([73] Al-Muzzammil : 15)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ मक्का वालों) हमने तुम्हारे पास (उसी तरह) एक रसूल (मोहम्मद) को भेजा जो तुम्हारे मामले में गवाही दे जिस तरह फिरऔन के पास एक रसूल (मूसा) को भेजा था