Skip to main content

وَاَمَّا مَنْ خَافَ مَقَامَ رَبِّهٖ وَنَهَى النَّفْسَ عَنِ الْهَوٰىۙ  ( النازعات: ٤٠ )

But as for
وَأَمَّا
और रहा
(him) who
مَنْ
वो जो
feared
خَافَ
डरा
standing
مَقَامَ
खड़े होने से
(before) his Lord
رَبِّهِۦ
अपने रब के (सामने)
and restrained
وَنَهَى
और उसने रोक लिया
his soul
ٱلنَّفْسَ
नफ़्स को
from
عَنِ
ख़्वाहिशात से
the vain desires
ٱلْهَوَىٰ
ख़्वाहिशात से

Waama man khafa maqama rabbihi wanaha alnnafsa 'ani alhawa (an-Nāziʿāt 79:40)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और रहा वह व्यक्ति जिसने अपने रब के सामने खड़े होने का भय रखा और अपने जी को बुरी इच्छा से रोका,

English Sahih:

But as for he who feared the position of his Lord and prevented the soul from [unlawful] inclination, ([79] An-Nazi'at : 40)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मगर जो शख़्श अपने परवरदिगार के सामने खड़े होने से डरता और जी को नाजायज़ ख्वाहिशों से रोकता रहा