ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ لَمْ يَكُ مُغَيِّرًا نِّعْمَةً اَنْعَمَهَا عَلٰى قَوْمٍ حَتّٰى يُغَيِّرُوْا مَا بِاَنْفُسِهِمْۙ وَاَنَّ اللّٰهَ سَمِيْعٌ عَلِيْمٌۙ ( الأنفال: ٥٣ )
That
ذَٰلِكَ
ये
(is) because
بِأَنَّ
बवजह इसके कि
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
not
لَمْ
नहीं
is
يَكُ
है वो
One Who changes
مُغَيِّرًا
तब्दील करने वाला
a favor
نِّعْمَةً
किसी नेअमत को
which He had bestowed
أَنْعَمَهَا
उसने इनाम किया हो जिसे
on
عَلَىٰ
किसी क़ौम पर
a people
قَوْمٍ
किसी क़ौम पर
until
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
they change
يُغَيِّرُوا۟
वो तब्दील कर दें
what
مَا
उसे जो
(is) in themselves
بِأَنفُسِهِمْۙ
उनके नफ़्सों में है
And indeed
وَأَنَّ
और बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) All-Hearing
سَمِيعٌ
ख़ूब सुनने वाला है
All-Knowing
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है
Thalika bianna Allaha lam yaku mughayyiran ni'matan an'amaha 'ala qawmin hatta yughayyiroo ma bianfusihim waanna Allaha samee'un 'aleemun (al-ʾAnfāl 8:53)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यह इसलिए हुआ कि अल्लाह उस उदार अनुग्रह (नेमत) को, जो उसने किसी क़ौम पर किया हो, बदलनेवाला नहीं हैं, जब तक कि लोग उस चीज़ को न बदल डालें, जिसका सम्बन्ध स्वयं उनसे है। और यह कि अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है
English Sahih:
That is because Allah would not change a favor which He had bestowed upon a people until they change what is within themselves. And indeed, Allah is Hearing and Knowing. ([8] Al-Anfal : 53)