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لَا يَزَالُ بُنْيَانُهُمُ الَّذِيْ بَنَوْا رِيْبَةً فِيْ قُلُوْبِهِمْ اِلَّآ اَنْ تَقَطَّعَ قُلُوْبُهُمْۗ وَاللّٰهُ عَلِيْمٌ حَكِيْمٌ ࣖ   ( التوبة: ١١٠ )

Not
لَا
हमेशा रहेगी
(will) cease
يَزَالُ
हमेशा रहेगी
their building
بُنْيَٰنُهُمُ
इमारत उनकी
which
ٱلَّذِى
वो जो
they built
بَنَوْا۟
उन्होंने बनाई
a (cause of) doubt
رِيبَةً
शक का सबब
in
فِى
उनके दिलों में
their hearts
قُلُوبِهِمْ
उनके दिलों में
except
إِلَّآ
मगर
that
أَن
ये कि
(are) cut into pieces
تَقَطَّعَ
टुकड़े-टुकड़े हो जाऐं
their hearts
قُلُوبُهُمْۗ
दिल उनके
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(is) All-Knower
عَلِيمٌ
ख़ूब जानने वाला है
All-Wise
حَكِيمٌ
बहुत हिकमत वाला है

La yazalu bunyanuhumu allathee banaw reebatan fee quloobihim illa an taqatta'a quloobuhum waAllahu 'aleemun hakeemun (at-Tawbah 9:110)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनका यह भवन जो उन्होंने बनाया है, सदैव उनके दिलों में खटक बनकर रहेगा। हाँ, यदि उनके दिल ही टुकड़े-टुकड़े हो जाएँ तो दूसरी बात है। अल्लाह तो सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त तत्वदर्शी है

English Sahih:

Their building which they built will not cease to be a [cause of] skepticism in their hearts until their hearts are cut [i.e., stopped]. And Allah is Knowing and Wise. ([9] At-Tawbah : 110)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ये इमारत की) बुनियाद जो उन लोगों ने क़ायम की उसके सबब से उनके दिलो में हमेशा धरपकड़ रहेगी यहाँ तक कि उनके दिलों के परख़चे उड़ जाएँ और ख़ुदा तो बड़ा वाक़िफकार हकीम हैं