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تَنَزَّلُ الْمَلٰۤىِٕكَةُ وَالرُّوْحُ فِيْهَا بِاِذْنِ رَبِّهِمْۚ مِنْ كُلِّ اَمْرٍۛ  ( القدر: ٤ )

Descend
تَنَزَّلُ
उतरते हैं
the Angels
ٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
फ़रिश्ते
and the Spirit
وَٱلرُّوحُ
और रूह(जिब्रील)
therein
فِيهَا
उसमें
by (the) permission
بِإِذْنِ
अपने रब के इज़्न से
(of) their Lord
رَبِّهِم
अपने रब के इज़्न से
for
مِّن
हर काम के लिए
every
كُلِّ
हर काम के लिए
affair
أَمْرٍ
हर काम के लिए

Tanazzalu almalaikatu waalrroohu feeha biithni rabbihim min kulli amrin (al-Q̈adr 97:4)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसमें फ़रिश्तें और रूह हर महत्वपूर्ण मामलें में अपने रब की अनुमति से उतरते है

English Sahih:

The angels and the Spirit [i.e., Gabriel] descend therein by permission of their Lord for every matter. ([97] Al-Qadr : 4)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इस (रात) में फ़रिश्ते और जिबरील (साल भर की) हर बात का हुक्म लेकर अपने परवरदिगार के हुक्म से नाज़िल होते हैं