فَكَفٰى بِاللّٰهِ شَهِيْدًاۢ بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمْ اِنْ كُنَّا عَنْ عِبَادَتِكُمْ لَغٰفِلِيْنَ ( يونس: ٢٩ )
So sufficient
فَكَفَىٰ
पस काफ़ी है
(is) Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह
(as) a witness
شَهِيدًۢا
गवाह
between us
بَيْنَنَا
दर्मियान हमारे
and between you
وَبَيْنَكُمْ
और दर्मियान तुम्हारे
that
إِن
बेशक
we were
كُنَّا
थे हम
of
عَنْ
तुम्हारी इबादत से
your worship
عِبَادَتِكُمْ
तुम्हारी इबादत से
certainly unaware
لَغَٰفِلِينَ
अलबत्ता ग़ाफ़िल
Fakafa biAllahi shaheedan baynana wabaynakum in kunna 'an 'ibadatikum laghafileena (al-Yūnus 10:29)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'हमारे और तुम्हारे बीच अल्लाह ही एक गवाह काफ़ी है। हमें तो तुम्हारी बन्दगी की ख़बर तक न थी।'
English Sahih:
And sufficient is Allah as a witness between us and you that we were of your worship unaware." ([10] Yunus : 29)