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وَمَا يَتَّبِعُ اَكْثَرُهُمْ اِلَّا ظَنًّاۗ اِنَّ الظَّنَّ لَا يُغْنِيْ مِنَ الْحَقِّ شَيْـًٔاۗ اِنَّ اللّٰهَ عَلِيْمٌ ۢبِمَا يَفْعَلُوْنَ   ( يونس: ٣٦ )

And not
وَمَا
और नहीं
follow
يَتَّبِعُ
पैरवी करते
most of them
أَكْثَرُهُمْ
अक्सर उनके
except
إِلَّا
मगर
assumption
ظَنًّاۚ
गुमान की
Indeed
إِنَّ
बेशक
the assumption
ٱلظَّنَّ
गुमान
(does) not
لَا
नहीं काम आता
avail
يُغْنِى
नहीं काम आता
against
مِنَ
हक़ के मुक़ाबले में
the truth
ٱلْحَقِّ
हक़ के मुक़ाबले में
anything
شَيْـًٔاۚ
कुछ भी
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) All-Knower
عَلِيمٌۢ
ख़ूब जानने वाला है
of what
بِمَا
उसे जो
they do
يَفْعَلُونَ
वो कर रहे हैं

Wama yattabi'u aktharuhum illa thannan inna alththanna la yughnee mina alhaqqi shayan inna Allaha 'aleemun bima yaf'aloona (al-Yūnus 10:36)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और उनमें से अधिकतर तो बस अटकल पर चलते है। निश्चय ही अटकल सत्य को कुछ भी दूर नहीं कर सकती। वे जो कुछ कर रहे हैं अल्लाह उसको भली-भाँति जानता है

English Sahih:

And most of them follow not except assumption. Indeed, assumption avails not against the truth at all. Indeed, Allah is Knowing of what they do. ([10] Yunus : 36)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तुम कैसे हुक्म लगाते हो और उनमें के अक्सर तो बस अपने गुमान पर चलते हैं (हालॉकि) गुमान यक़ीन के मुक़ाबले में हरगिज़ कुछ भी काम नहीं आ सकता बेशक वह लोग जो कुछ (भी) कर रहे हैं खुदा उसे खूब जानता है