فَاِنْ تَوَلَّيْتُمْ فَمَا سَاَلْتُكُمْ مِّنْ اَجْرٍۗ اِنْ اَجْرِيَ اِلَّا عَلَى اللّٰهِ ۙوَاُمِرْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِنَ الْمُسْلِمِيْنَ ( يونس: ٧٢ )
But if
فَإِن
फिर अगर
you turn away
تَوَلَّيْتُمْ
मुँह फेर लो तुम
then not
فَمَا
तो नहीं
I have asked you
سَأَلْتُكُم
माँगा मैंने तुमसे
any
مِّنْ
कोई अजर
reward
أَجْرٍۖ
कोई अजर
Not
إِنْ
नहीं
(is) my reward
أَجْرِىَ
अजर मेरा
but
إِلَّا
मगर
on
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِۖ
अल्लाह पर
and I have been commanded
وَأُمِرْتُ
और मैं हुक्म दिया गया हूँ
that
أَنْ
कि
I be
أَكُونَ
मैं हो जाऊँ
of
مِنَ
फ़रमाबरदारों में से
the Muslims"
ٱلْمُسْلِمِينَ
फ़रमाबरदारों में से
Fain tawallaytum fama saaltukum min ajrin in ajriya illa 'ala Allahi waomirtu an akoona mina almuslimeena (al-Yūnus 10:72)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर यदि तुम मुँह फेरोगे तो मैंने तुमसे कोई बदला नहीं माँगा। मेरा बदला (पारिश्रामिक) बस अल्लाह के ज़िम्मे है, और आदेश मुझे मुस्लिम (आज्ञाकारी) होने का हुआ है
English Sahih:
And if you turn away [from my advice] – then no payment have I asked of you. My reward is only from Allah, and I have been commanded to be of the Muslims [i.e., those who submit to Allah]." ([10] Yunus : 72)