وَاَوْحَيْنَآ اِلٰى مُوْسٰى وَاَخِيْهِ اَنْ تَبَوَّاٰ لِقَوْمِكُمَا بِمِصْرَ بُيُوْتًا وَّاجْعَلُوْا بُيُوْتَكُمْ قِبْلَةً وَّاَقِيْمُوا الصَّلٰوةَۗ وَبَشِّرِ الْمُؤْمِنِيْنَ ( يونس: ٨٧ )
And We inspired
وَأَوْحَيْنَآ
और वही की हमने
to
إِلَىٰ
तरफ़ मूसा
Musa
مُوسَىٰ
तरफ़ मूसा
and his brother
وَأَخِيهِ
और उसके भाई के
that
أَن
कि
"Settle
تَبَوَّءَا
तुम दोनों मुतय्यन करो
your people
لِقَوْمِكُمَا
अपनी क़ौम के लिए
in Egypt
بِمِصْرَ
मिस्र में
(in) houses
بُيُوتًا
कुछ घर
and make
وَٱجْعَلُوا۟
और बना लो
your houses
بُيُوتَكُمْ
अपने घरों को
(as) places of worship
قِبْلَةً
क़िबला/मरकज़
and establish
وَأَقِيمُوا۟
और क़ायम करो
the prayer
ٱلصَّلَوٰةَۗ
नमाज़
And give glad tidings
وَبَشِّرِ
और ख़ुशखबरी दो
(to) the believers"
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों को
Waawhayna ila moosa waakheehi an tabawwaa liqawmikuma bimisra buyootan waij'aloo buyootakum qiblatan waaqeemoo alssalata wabashshiri almumineena (al-Yūnus 10:87)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमने मूसा और उसके भाई की ओर प्रकाशना की कि 'तुम दोनों अपने लोगों के लिए मिस्र में कुछ घर निश्चित कर लो औऱ अपने घरों को क़िबला बना लो। और नमाज़ क़ायम करो और ईमानवालों को शुभसूचना दे दो।'
English Sahih:
And We inspired to Moses and his brother, "Settle your people in Egypt in houses and make your houses [facing the] qiblah and establish prayer and give good tidings to the believers." ([10] Yunus : 87)