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قَالَ وَمَنْ يَّقْنَطُ مِنْ رَّحْمَةِ رَبِّهٖٓ اِلَّا الضَّاۤلُّوْنَ   ( الحجر: ٥٦ )

He said
قَالَ
उसने कहा
"And who
وَمَن
और कौन
despairs
يَقْنَطُ
मायूस हो सकता है
of
مِن
रहमत से
(the) Mercy
رَّحْمَةِ
रहमत से
(of) his Lord
رَبِّهِۦٓ
अपने रब की
except
إِلَّا
सिवाय
those who are astray
ٱلضَّآلُّونَ
गुमराह लोगों के

Qala waman yaqnatu min rahmati rabbihi illa alddalloona (al-Ḥijr 15:56)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने कहा, 'अपने रब की दयालुता से पथभ्रष्टों के सिवा और कौन निराश होगा?'

English Sahih:

He said, "And who despairs of the mercy of his Lord except for those astray?" ([15] Al-Hijr : 56)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इबराहीम ने कहा गुमराहों के सिवा और ऐसा कौन है जो अपने परवरदिगार की रहमत से ना उम्मीद हो