نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا يَسْتَمِعُوْنَ بِهٖٓ اِذْ يَسْتَمِعُوْنَ اِلَيْكَ وَاِذْ هُمْ نَجْوٰٓى اِذْ يَقُوْلُ الظّٰلِمُوْنَ اِنْ تَتَّبِعُوْنَ اِلَّا رَجُلًا مَّسْحُوْرًا ( الإسراء: ٤٧ )
Nahnu a'lamu bima yastami'oona bihi ith yastami'oona ilayka waith hum najwa ith yaqoolu alththalimoona in tattabi'oona illa rajulan mashooran (al-ʾIsrāʾ 17:47)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जब वे तुम्हारी ओर कान लगाते हैं तो हम भली-भाँति जानते है कि उनके कान लगाने का प्रयोजन क्या है और उसे भी जब वे आपस में कानाफूसियाँ करते है, जब वे ज़ालिम कहते है, 'तुम लोग तो बस उस आदमी के पीछे चलते हो जो पक्का जादूगर है।'
English Sahih:
We are most knowing of how they listen to it when they listen to you and [of] when they are in private conversation, when the wrongdoers say, "You follow not but a man affected by magic." ([17] Al-Isra : 47)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
जब ये लोग तुम्हारी तरफ कान लगाते हैं तो जो कुछ ये ग़ौर से सुनते हैं हम तो खूब जानते हैं और जब ये लोग बाहम कान में बात करते हैं तो उस वक्त ये ज़ालिम (ईमानदारों से) कहते हैं कि तुम तो बस एक (दीवाने) आदमी के पीछे पड़े हो जिस पर किसी ने जादू कर दिया है