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وَكَيْفَ تَصْبِرُ عَلٰى مَا لَمْ تُحِطْ بِهٖ خُبْرًا  ( الكهف: ٦٨ )

And how can
وَكَيْفَ
और किस तरह
you have patience
تَصْبِرُ
तुम सब्र कर सकते हो
for
عَلَىٰ
उस पर
what
مَا
जो
not
لَمْ
नहीं
you encompass
تُحِطْ
तुमने अहाता किया
of it
بِهِۦ
जिसका
any knowledge"
خُبْرًا
इल्म से

Wakayfa tasbiru 'ala ma lam tuhit bihi khubran (al-Kahf 18:68)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो चीज़ तुम्हारे ज्ञान-परिधि से बाहर हो, उस पर तुम धैर्य कैसे रख सकते हो?'

English Sahih:

And how can you have patience for what you do not encompass in knowledge?" ([18] Al-Kahf : 68)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (सच तो ये है) जो चीज़ आपके इल्मी अहाते से बाहर हो