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هَلْ يَنْظُرُوْنَ اِلَّآ اَنْ يَّأْتِيَهُمُ اللّٰهُ فِيْ ظُلَلٍ مِّنَ الْغَمَامِ وَالْمَلٰۤىِٕكَةُ وَقُضِيَ الْاَمْرُ ۗ وَاِلَى اللّٰهِ تُرْجَعُ الْاُمُوْرُ ࣖ  ( البقرة: ٢١٠ )

Are
هَلْ
नहीं
they waiting
يَنظُرُونَ
वो इन्तिज़ार कर रहे
[except]
إِلَّآ
मगर
that
أَن
ये कि
comes to them
يَأْتِيَهُمُ
आ जाए उनके पास
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
in
فِى
सायबानों में
(the) shadows
ظُلَلٍ
सायबानों में
of
مِّنَ
बादलों के
[the] clouds
ٱلْغَمَامِ
बादलों के
and the Angels
وَٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
और फ़रिश्ते
and is decreed
وَقُضِىَ
और पूरा कर दिया जाए
the matter?
ٱلْأَمْرُۚ
काम
And to
وَإِلَى
और तरफ़
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह ही के
return
تُرْجَعُ
लौटाए जाते है
(all) the matters
ٱلْأُمُورُ
सब काम

Hal yanthuroona illa an yatiyahumu Allahu fee thulalin mina alghamami waalmalaikatu waqudiya alamru waila Allahi turja'u alomooru (al-Baq̈arah 2:210)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या वे (इसराईल की सन्तान) बस इसकी प्रतीक्षा कर रहे है कि अल्लाह स्वयं ही बादलों की छायों में उनके सामने आ जाए और फ़रिश्ते भी, हालाँकि बात तय कर दी गई है? मामले तो अल्लाह ही की ओर लौटते है

English Sahih:

Do they await but that Allah should come to them in covers of clouds and the angels [as well] and the matter is [then] decided? And to Allah [all] matters are returned. ([2] Al-Baqarah : 210)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्या वह लोग इसी के मुन्तज़िर हैं कि सफेद बादल के साय बानो की आड़ में अज़ाबे ख़ुदा और अज़ाब के फ़रिश्ते उन पर ही आ जाए और सब झगड़े चुक ही जाते हालॉकि आख़िर कुल उमुर ख़ुदा ही की तरफ रुजू किए जाएँगे