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وَقَالُوْا لَنْ تَمَسَّنَا النَّارُ اِلَّآ اَيَّامًا مَّعْدُوْدَةً ۗ قُلْ اَتَّخَذْتُمْ عِنْدَ اللّٰهِ عَهْدًا فَلَنْ يُّخْلِفَ اللّٰهُ عَهْدَهٗٓ اَمْ تَقُوْلُوْنَ عَلَى اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ   ( البقرة: ٨٠ )

And they say
وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
"Never
لَن
हरगिज़ नहीं
will touch us
تَمَسَّنَا
छुएगी हमें
the Fire
ٱلنَّارُ
आग
except
إِلَّآ
मगर
(for) days
أَيَّامًا
दिन
numbered"
مَّعْدُودَةًۚ
गिने चुने
Say
قُلْ
कह दीजिए
"Have you taken
أَتَّخَذْتُمْ
क्या ले रखा है तुमने
from
عِندَ
पास
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
a covenant
عَهْدًا
कोई अहद
so never
فَلَن
तो हरगिज़ नहीं
will break
يُخْلِفَ
ख़िलाफ़ करेगा
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
His Covenant?
عَهْدَهُۥٓۖ
अपने अहद के
Or
أَمْ
या
(do) you say
تَقُولُونَ
तुम कहते हो
against
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
what
مَا
जो
not
لَا
नहीं तुम इल्म रखते
you know?"
تَعْلَمُونَ
नहीं तुम इल्म रखते

Waqaloo lan tamassana alnnaru illa ayyaman ma'doodatan qul attakhathtum 'inda Allahi 'ahdan falan yukhlifa Allahu 'ahdahu am taqooloona 'ala Allahi ma la ta'lamoona (al-Baq̈arah 2:80)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे कहते है, 'जहन्नम की आग हमें नहीं छू सकती, हाँ, कुछ गिने-चुने दिनों की बात और है।' कहो, 'क्या तुमने अल्लाह से कोई वचन ले रखा है? फिर तो अल्लाह कदापि अपने वचन के विरुद्ध नहीं जा सकता? या तुम अल्लाह के ज़िम्मे डालकर ऐसी बात कहते हो जिसका तुम्हें ज्ञान नहीं?

English Sahih:

And they say, "Never will the Fire touch us, except for [a few] numbered days." Say, "Have you taken a covenant with Allah? For Allah will never break His covenant. Or do you say about Allah that which you do not know?" ([2] Al-Baqarah : 80)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और कहते हैं कि गिनती के चन्द दिनों के सिवा हमें आग छुएगी भी तो नहीं (ऐ रसूल) इन लोगों से कहो कि क्या तुमने खुदा से कोई इक़रार ले लिया है कि फिर वह किसी तरह अपने इक़रार के ख़िलाफ़ हरगिज़ न करेगा या बे समझे बूझे खुदा पर बोहताव जोड़ते हो